सलाम उस के लिए जिस ने हिदायत कि पैरवी कि ,, उन भाइयो के नाम जो शकील बिन हनीफ जी को इमाम महंदी और हज़रात ईसा अलाही सलाम मानते है और खुद को उनका सहाबी मानते हुए लोगो को उनकी बेत के लिए बुलाते है अल्लाह के नाम से जो सब सच्चों का सच्चा है ओर उस मे कोई कमी नहीं वो पाक है हर एब से ओर उसी का हक़ है कि उस कि इबादत कि जाये उसने इबादत के लिए जिन्न ओर इंसान को पैदा किया ,ओर डाली इंसानों पर ज़िम्मेदारी के उस रहा को हमवार करे जिस से इबादत हो ,उस अल्लाह कि जिस ने अपना पसंदीदा तरीक़ा भेजा खातेमुल अंबिया के ज़रिये ,वो पसंददीदा दीन जो क़यमत तक पसंद कर लिया गया है ,अब उस के अलवा कोई नहज नहीं , अल्लहा के रसूल खातेमुल मुरसलीन को बशरत दे दी गई के अल्लाह इस दीन ए मुबीन का मुहाफ़िज़ है ,फरमाने मुबारक रसूल अल्लाह ( ﷺ ) का है कि वो उम्मत कैसे हालाक हो सकती है जिस के अव्वल मे मै हु ओर उसकी वुसत मे मेहदी है ओर आखिर मे ईसा इब्ने मरयम है ( كيف تهلك أمتن ......( यह वो दीन है जो पसंद कर लिया गया क़यमत तक लिए,(क़ुरान ) ओर दे दी गई किताब जो सरदार है तमाम किताबो कि ,यह वो दीन है जिन के ज़रिये अता किया
The True Al-Mahdi ? Caliph of Ummah ?